एक बार बहुत से लोगों ने एक सभा आयोजन किया,
विषय था दर्द क्या है। हर कोई अपनी राय देने के लिए स्वतंत्र था।
पहले एक डॉक्टर महोदय आए और बोले - दर्द मांसपेशियों के खिंचाव के कारण उत्पत्ति होता है।
कवि महोदय आए और बोले - दर्द एक ऐसा एहसास है जो कवि को जन्म देता है।
एक प्रेमी बोला - दर्द प्रेमिका की जुदाई से होता है।
एक ब्लॉगर बोले - लेख बड़ी मेहनत से लिखो और उसपे टिप्पणी न मिले तो दर्द होता है।
एक विचार बोले - दर्द वो है जो आनंद के न होने पर हम महसूस करते हैं।
एक अभिनेता बोले - दर्द वो हैं जो पहले ही हफ्ते फिल्म के फ्लॉप होने पर होता है।
एक छात्र बोला - दर्द परीक्षा मे फेल होने पर होता है।
शराबी बोला - दर्द वो है जो भरी बोतल के टूटने पर होता है।
एक प्रोग्रामर बोला - दर्द वो है जब एक खूबसूरत लड़की मेरे प्रोजेक्ट को ज्वाइन करना चाहती है और प्रोजेक्ट मैनेजर मना कर देता है।
एक महिला बोली - दर्द तब होता है जब मुझसे कम पैसे देकर मेरी पड़ोसन वही सारी खरीद लाती है।
अब हर कोई अलग - अलग तरह से दर्द व्याख्या कर रहे थे, जब कई घंटे गुजर गए तो हमारे ताऊ से नहीं रहा गया।
उन्होंने अपना लाठी उठाया और बजाना शुरू कर दिया, जब सब चिल्लाने लगे, तो ताऊ बोले अब दर्द समझ में आया या फिर से बताऊं। सब बोले नहीं हमे समझ में आ गया। ताऊ बोले जब तक दर्द होगा नहीं तब तक पता कैसे चलेगा लाठी पड़ी तो सबको पता चल गया कि दर्द कैसा होता है।